Travel Tips: भारत के वो मंदिर जहां नरक चतुर्दशी पर मिलती है अघोरियों को एंट्री, आम भक्त है बैन 
 

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इंटरनेट डेस्क। भारत में ऐसे कई धार्मिक स्थल मौजूद है जिसका अपने की विशेष योगदान है दिवाली से 1 दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाई जाती है और इस दिन नरक चतुर्दशी को काली चौदस जैसे नामों से भी जाना जाता है नरक चतुर्दशी पर यमदेव भगवान श्री कृष्ण और मां काली की पूजा की जाती है कहा जाता है किस दिन नरक चौदस के दीपक जलाए जाते हैं लेकिन आज मैं आपको कैसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसका नाता सिर्फ अघोरियों से ही है यानी कि अघोरी ही इस मंदिर में एंट्री ले सकते हैं मंदिर में शाम के दौरान भक्तों को जाना बंद है और यहां केवल अघोरी ही जा सकते हैं।

वेताल मंदिर ओडिसा

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भुवनेश्वर में मौजूद के मंदिर आठवीं सदी में बनाया गया इस मंदिर में मां चामुंडा की मूर्ति है यहां माता चामुंडा काली का दूसरा रूप है इस मंदिर में तांत्रिक क्रिया की जाती है इस मंदिर में कोई भी वक्त दर्शन के लिए जा सकता है लेकिन नरक चतुर्दशी की रात में यहां के अघोरियों को ही एंट्री मिलती है।

ज्वालामुखी मंदिर, हिमाचल प्रदेश 

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यह मंदिर भी चमत्कार से भरा है मां ज्वालामुखी का मंदिर हिमाचल में मौजूद है और तांत्रिक क्रिया के लिए मशहूर है यह जगह कुंड वाला स्थान कहा जाता है उनकी खास बात यह किस का पानी आप देखेंगे तो उबलता हुआ दिखाई देगा लेकिन छूने में यह ठंडा होता है यूपी मंदिर रात में बंद हो जाता है लेकिन आरक्षण देसी के यहां अघोरियों का जमावड़ा लगता है।

बैजनाथ मन्दिर, हिमाचल 
हिमाचल में मौजूद बैजनाथ मंदिर बेहद खास है इस मंदिर के दो खासियत है यह मंदिर तांत्रिक क्रियाओं से लिप्त है और दूसरों के यहां पानी का पाचन शक्तियों के लिए फेमस है इस मंदिर में नरक चतुर्दशी के दिन रात में तांत्रिक क्रियाएं होती हो तांत्रिकों को ही एंट्री मिलती है।


काल भैरव मंदिर, मध्य प्रदेश 
मध्यप्रदेश में मौजूद थी मंदिर भैरव श्याम मुखी मूर्ति मौजूद है तांत्रिक क्रियाओं की लिस्ट मंदिर को जाना जाता है देश भर में तांत्रिक और अघोरी यहां सिद्धि प्राप्त करते हैं और यहां नरक चतुर्दशी पर अघोरियों का मेला लगता है यही कारण है कि यहां हम जनता के लिए एंट्री बंद होती है और सिर्फ अघोरी ही इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

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