Rama Ekadashi: जानिए रमा एकादशी के व्रत के नियम, इस दिन भूले तो पड़ेगा भारी..

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रमा एकादशी: ज्योतिष शास्त्र में हर व्रत और त्योहार का विशेष महत्व होता है। साथ ही इसे करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं. जिसमें हर महीने आने वाली एकादशी व्रत का विशेष महत्व दर्शाया गया है। भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। इस प्रकार प्रत्येक एकादशी विशेष एवं विशेष होती है।

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लेकिन सुख-समृद्धि का वरदान देने वाली रमा एकादशी सबसे खास होती है। इस साल रमा एकादशी 9 नवंबर को मनाई जाएगी. दिवाली से पहले आने वाली यह एकादशी बहुत खास होती है. इस दिन व्रत करने से भक्तों को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन इस व्रत को करते समय कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है लेकिन इस दिन व्रत करने में हुई एक गलती का खामियाजा उसे जीवन भर भुगतना पड़ सकता है। अगर आप भी इस साल रमा एकादशी का व्रत करना चाहते हैं तो सबसे पहले इसके नियमों के बारे में जान लें।

रमा एकादशी व्रत नियम
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रमा एकादशी के दिन भूलकर भी चावल न खाएं। मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से दूसरा जन्म सरिषरूप में मिलता है।

-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एकादशी तिथि पर तुलसी को जल चढ़ाना वर्जित है। रमा एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी में जल न चढ़ाएं। इस दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

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-एकादशी व्रत करते समय शरीर और मन को साफ रखें। अगर आप एकादशी व्रत करते हैं तो इस दिन अपने मन में किसी भी तरह के बुरे विचार न रखें। इस दिन झूठ बोलने से भी बचें। इस दिन झूठा बोलने या क्रोध करने से व्रत का फल नहीं मिलता है और भगवान भी अप्रसन्न होते हैं।

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