PCOS: क्या आप भी हैं PCOS से पीड़ित? डॉक्टर्स के इन टिप्स को फॉलो करें

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पीसीओएस रोग: पिछले कुछ समय से लड़कियों में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम यानी पीसीओएस की बीमारी बढ़ रही है। यह रोग लड़कियों में मेल हॉर्मोन्स के बढ़ने के कारण होता है। शहरी क्षेत्रों में लड़कियों में यह एक आम बीमारी बनती जा रही है। 16 साल की उम्र में इस बीमारी के लक्षण लड़कियों में दिखने लगते हैं। पीसीओएस से हार्मोन में बदलाव के कारण अनियमित पीरियड्स और कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

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डॉक्टरों का कहना है कि पीसीओएस के कारण लड़कियों को शादी के बाद मां बनने में दिक्कत आ सकती है। यह रोग बांझपन का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। जिससे महिलाएं भी इनफर्टिलिटी का शिकार हो रही हैं। शहरी इलाकों में हर 10 में से 2 लड़कियां पीसीओएस बीमारी से पीड़ित हैं। यह रोग डिम्बग्रंथि के कैंसर का कारण भी बन सकता है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इसका इलाज करा लिया जाए।

विशेषज्ञों का क्या कहना है?
दिल्ली के एक विशेषज्ञ डॉक्टर के मुताबिक, कई लड़कियां पीसीओएस के लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। पीसीओएस का समय पर इलाज बेहद जरूरी है। खराब लाइफस्टाइल और स्ट्रीट फूड के सेवन से आजकल पीसीओएस की समस्या बढ़ती जा रही है।

जिससे लड़कियों में हार्मोन्स का असंतुलन हो रहा है। अगर इस बीमारी का समय रहते इलाज न किया जाए तो यह बांझपन का कारण बन सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पीसीओएस महिला के गर्भाशय में प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को धीमा कर देता है। पीरियड्स समय पर नहीं आते और वजन भी बढ़ने लगता है। जिससे प्रेग्नेंसी में प्रॉब्लम होती है।

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इन सुविधाओं पर ध्यान दें
समय पर पीरियड नहीं आना
लगातार वजन बढ़ना
चेहरे पर छोटे-छोटे दाने
चेहरे के बाल
ओवरी में सिस्ट बनने में समस्या
ऐसे करें सेव
स्ट्रीट और जंक फूड से परहेज करें
विटामिन बी और डी लें
मीठा कम खाएं
हर दिन व्यायाम
प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचें
सोने और जागने का समय निर्धारित करें
बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न लें (PC. Social media)

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