Molnupiravir: कोरोना की इस दवा पर ICMR का बड़ा फैसला,जानें

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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की कोविड-19 पर राष्ट्रीय कार्यबल ने एक बड़ा फैसला लिया है। कोरोना संक्रमण के नैदानिक ​​प्रबंधन प्रोटोकॉल में एंटी वायरल दवा मोलानुपिराविर को शामिल नहीं करने का निर्णय लिया गया है। टास्क फोर्स के विशेषज्ञों का कहना है कि मोलानुपिरावीर कोविड के इलाज में बहुत उपयोगी नहीं है।

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आईसीएमआर की नेशनल टास्क फोर्स की सोमवार को बैठक हुई। जिसमें विशेषज्ञों ने मोलानुपिरवीर से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि मोलानुपिराविर दवा कोरोना के इलाज के लिए बहुत उपयोगी नहीं है. तब से मोलनुपिरवीर को क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल से हटाने का निर्णय लिया गया है।

मोलानुपिरवीर एक एंटीवायरल दवा है। जो वायरल म्यूटेशनल प्रतिकृति को रोकने में सक्षम है। 28 दिसंबर को ड्रग रेगुलेटरी जनरल ऑफ इंडिया द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए एंटी-कोरोना गोली को मंजूरी दी गई थी। इस बीच आईसीएमआर द्वारा कोरोना के इलाज के लिए दिए गए प्रोटोकॉल से इसे हटाने के बाद भी मोलानुपिराविर की बिक्री नहीं रुकेगी। यह दवा डॉक्टर के परामर्श से ली जा सकती है।

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ICMR ने मोलनुपिराविर पर चिंता व्यक्त की

आईसीएमआर के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने पिछले हफ्ते कहा था कि डब्ल्यूएचओ और लंदन इस दवा का इस्तेमाल कोरोना के इलाज के लिए नहीं करते हैं। इस दवा से जुड़े सुरक्षा मुद्दे हैं। इससे भ्रूण की विकृतियां हो सकती हैं। मांसपेशियों को कुछ नुकसान होने की भी संभावना है

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