Lunar Eclipse: चंद्र ग्रहण के दिन भूलकर भी न करें ये पांच काम...

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साल का आखिरी चंद्र ग्रहण शरदपुनम यानी 28 अक्टूबर की रात को लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देने वाला है, जिसका असर भारत पर भी देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण से 09 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है और मंदिरों के दरवाजे बंद रखे जाते हैं।

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ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण अशुभ होता है। जिसका असर हमेशा नकारात्मक ही होता है. चंद्र ग्रहण के दिन कई काम करना वर्जित माना जाता है। तो आइए देवघर ज्योतिष शास्त्र से जानते हैं कि चंद्र ग्रहण के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित नंद किशोर मुदगल ने लोकल 18 को बताया कि साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात को लगने वाला है. ये भारत में भी देखने को मिलेगा. सूतक काल का चंद्र ग्रहण पर भी असर पड़ने वाला है.

ग्रहण के दिन घर में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। ग्रहण के बाद घर को शुद्ध करने के लिए गंगा जल छिड़कना चाहिए। इसके साथ ही कुछ ऐसे काम भी हैं जिन्हें चंद्र ग्रहण के दिन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए अन्यथा इसका अशुभ प्रभाव पड़ सकता है।

सूतक शुरू होने से पहले तोड़ें तुलसी के पत्ते: सूतक शुरू होने से पहले तुलसी के पत्ते तोड़ लें. सूतक काल शुरू होने के बाद गलती से भी तुलसी के पत्तों को न छुएं, नहीं तो अशुभ प्रभाव पड़ेगा।

ग्रहण के दौरान न सोएं: जब तक चंद्र ग्रहण रहता है तब तक सोना वर्जित होता है। इसलिए ग्रहण के दौरान बिल्कुल भी न सोएं, इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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ग्रहण के दौरान बाल और नाखून न काटें: चंद्र ग्रहण के दिन सूतक काल शुरू होने के बाद चंद्र ग्रहण की समाप्ति तक अपने बाल, नाखून, दाढ़ी आदि न काटें। इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

चंद्र ग्रहण का समय: भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर को शाम 04:05 बजे से सूतक काल शुरू हो जाएगा. चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को दोपहर 1:05 बजे शुरू होगा और 2:30 बजे तक रहेगा.

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