ITR Fileing: ऑनलाइन जारी हुआ ITR फॉर्म, आखिरी तारीख के बाद लगेगा ₹5000 का जुर्माना, जानिए आखिरी तारीख

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ITR फाइलिंग: करदाता अब आकलन वर्ष 2023-24 के लिए अपना ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) ऑनलाइन फाइल कर सकते हैं। आयकर विभाग ने कहा कि करदाताओं के लिए अब आईटीआर-1 फॉर्म और आईटीआर-4 फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

अभी तक ये फॉर्म सिर्फ ऑफलाइन ही उपलब्ध थे। हालांकि, अब आयकर विभाग ने एक ट्वीट के जरिए इनकी ऑनलाइन उपलब्धता की जानकारी दी है। करदाताओं के लिए फॉर्म भरना आसान हो, इसके लिए फॉर्म में उनसे जुड़ी कई जानकारियां पहले से भरी होंगी।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले ज्यादातर लोग वेतनभोगी लोग या व्यक्तिगत करदाता होते हैं। इन लोगों के लिए बिना पेनल्टी के आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है। 31 जुलाई के बाद फॉर्म भरने वालों को फाइन भरना पड़ सकता है।

अलग-अलग कैटेगरी के टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख-

1. व्यक्तिगत करदाताओं के लिए, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (एओपी) या बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स (बीओआई) जिनके खातों की पुस्तकों का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है, रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 है।

2. जिन कारोबारियों के खातों का ऑडिट होना है, उनके लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर 2023 है।


3. अंतरराष्ट्रीय लेनदेन या कुछ घरेलू लेनदेन वाले व्यवसायों के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2023 है।

4. संशोधित आईटीआर और विलंबित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2023 निर्धारित की गई है।

समय पर ITR फाइल नहीं करने पर क्या होगा?

ब्याज: यदि आप अंतिम तिथि के बाद अपना रिटर्न दाखिल करते हैं, तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 234ए के तहत भुगतान न की गई कर राशि पर 1% प्रति माह की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।

विलंब शुल्क: धारा 234F के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। अगर कुल आय 5 लाख रुपये से कम है तो इसे घटाकर 1,000 रुपये कर दिया जाएगा।

लॉस एडजस्टमेंट: अगर आपको स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड्स, प्रॉपर्टीज या आपके किसी बिजनेस में नुकसान हुआ है तो आप इसे कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं और अगले साल की इनकम से एडजस्ट कर सकते हैं। यह आपकी कर देनदारी को काफी कम करने में मदद करता है। नुकसान के समायोजन की अनुमति केवल तभी दी जाती है जब आप अपने आईटीआर में नुकसान की घोषणा करते हैं और नियत तारीख से पहले आयकर विभाग के पास फाइल करते हैं।

बिलेटेड रिटर्न: अगर आप आखिरी तारीख तक आईटीआर फॉर्म फाइल नहीं कर पाते हैं और उसके बाद फाइल कर देते हैं तो इसे बिलेटेड रिटर्न कहा जाता है। विलंबित रिटर्न में भी करदाताओं को जुर्माना और ब्याज देना पड़ता है, लेकिन उन्हें भविष्य में नुकसान को समायोजित करने की अनुमति नहीं होती है। इस साल आप 31 दिसंबर 2023 तक बिलेटेड आईटीआर भर सकते हैं।

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