Health: कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट अटैक आने पर सीपीआर बचा सकता है जान, जानें इसकी तकनीक 

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क्या आपने कभी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के बारे में सुना है? इसे आमतौर पर सीपीआर या जीवन रक्षक तकनीक कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट (SCA) हो रहा हो, तो CPR उस व्यक्ति की जान बचा सकता है। यह सुनकर आप दंग रह जाएंगे। लेकिन यह बहुत सच है। वास्तव में, दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में, तत्काल चिकित्सा ध्यान या सीपीआर नहीं मिलने पर व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। कई सेलेब्रिटीज की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। आज हृदय रोग विशेषज्ञों से जानें कि सीपीआर क्या है और यह कैसे जान बचा सकता है।

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किसी विशेषज्ञ से सीपीआर की आवश्यक बातें जानें

अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. वनिता अरोड़ा के मुताबिक, अचानक कार्डिएक अरेस्ट (एससीए) की स्थिति में कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। दिल का दौरा पड़ने के बाद के पहले 6 मिनट महत्वपूर्ण होते हैं और इतनी जल्दी चिकित्सा सहायता प्राप्त करना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को तुरंत सीपीआर देना चाहिए। एम्बुलेंस या चिकित्सा सहायता उपलब्ध होने तक सीपीआर दें। इसे जीवन रक्षक तकनीक भी कहा जाता है। दिल का दौरा पड़ने पर व्यक्ति बेहोश हो जाता है। ऐसे में आप तुरंत इस तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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डॉ वनिता अरोड़ा के मुताबिक, सीपीआर के लिए सबसे पहले बेहोश व्यक्ति को सीधा लिटा देना होता है। इसके बाद आप दोनों हाथों को उसकी छाती के बीच में रखें और करीब 1 मिनट में 100 बार दबाएं। साथ ही आसपास खड़े लोगों से एंबुलेंस बुलाने को कहें। एंबुलेंस आने तक या व्यक्ति को निकटतम अस्पताल ले जाने तक आपको सीपीआर देना जारी रखना चाहिए। ऐसा करके आप किसी की जान बचा सकते हैं।

ऐसा कई बार करने से व्यक्ति होश में आ जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक, 14 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को सीपीआर तकनीक की जानकारी होनी चाहिए। रिवाइव हार्ट फाउंडेशन सीपीआर के बारे में लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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