Hanuman Jayanti : हनुमान जयंती 15 अप्रैल को है या 16 अप्रैल को? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि 

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चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन, हनुमान जयंती, या बजरंग बली के जन्म की वर्षगांठ मनाई जाती है। इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। हनुमानजी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन मंगलवार को हुआ था, और पौराणिक कथाओं के अनुसार उन्हें रुद्रावतार या भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इसी वजह से मंगलवार का दिन बजरंगबली का विशेष दिन माना जाता है और इस दिन उनका व्रत करने और उनकी पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।

भक्त हनुमान जयंती के त्योहार पर भी उपवास रखते हैं, और वे उनकी भक्ति करके उपवास समाप्त करते हैं। इस दिन, कई क्रियाएं और अनुष्ठान किए जाते हैं और पूरे देश में मंदिरों में भंडारे आयोजित किए जाते हैं।

आइए जानते हैं हनुमान जयंती का महत्व, घर में कैसे करें पूजा और कब करना श्रेष्ठ है।

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हनुमान जयंती तिथि:
पंचांग भविष्यवाणी करता है कि हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। वास्तव में, चैत्र पूर्णिमा 5 अप्रैल बुधवार को सुबह 9 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल गुरुवार को 10 बजकर 4 मिनट पर समाप्त हो रही है। फलस्वरूप उदया तिथि मान्यता के अनुसार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को ही मनाई जाएगी और इस दिन व्रत रखकर बजरंगबली को सम्मानित किया जाएगा।

हनुमान जयंती उत्सव का समय:
6 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट के बीच हनुमान जयंती पूजन का पुण्य काल है। इसके बाद दोपहर 12:24 से 1:58 तक पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा शाम को 5:07 से 8:07 के बीच पूजा का पुण्य काल है।

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हनुमान जयंती पूजा विधि:
हनुमानजी की पूजा करने के लिए बजरंगबली के लाल फूल, सिंदूर, अक्षत, पान का पत्ता, मोतीचूर के लड्डू, लाल लंगोट और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं। हनुमान चालीसा जोर से बोलें। हनुमानजी की आरती दोहराएं। हनुमानजी को कुछ लड्डू, हलवा और केले का भोग लगाएं। इस दिन सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और क्षेत्र से सभी प्रकार की बुरी ऊर्जाएं समाप्त हो जाती हैं।

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