Corona Tips: घर में किसी को कोरोना संक्रमण हो जाए तो क्या करें?,पढ़ें और सीखें

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देश में एक बार फिर से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस समय वैक्सीन के दोनों डोज संक्रमित नजर आ रहे हैं। दिसंबर के आखिरी हफ्ते से देश में नए मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। 7 जनवरी को 24 घंटे में आंकड़ा एक लाख को पार कर गया. इससे ओमाइक्रोन को लेकर कई सवाल उठते हैं और यह सवाल भी उठता है कि अगर घर का कोई सदस्य कोरोना से संक्रमित हो जाए तो क्या करें। इसे देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं। यहां बताया गया है कि जिस व्यक्ति को कोरोना संक्रमण है उसकी देखभाल कैसे करें।

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होम क्वारंटाइन अस्पताल?

जिन रोगियों को कोरोनरी धमनी की बीमारी नहीं है या उनमें बहुत ही सरल, हल्के लक्षण हैं, साथ ही साथ 60 वर्ष से कम उम्र के और बिना किसी सहानुभूति के, उन्हें आमतौर पर होम क्वारंटाइन के तहत इलाज कराने की सलाह दी जाती है।बेशक, यह डॉक्टर पर निर्भर करता है कि वह होम क्वारंटाइन में इलाज कराएं या अस्पताल में भर्ती हों। उनकी सलाह के बाद ही यह फैसला लिया जाना चाहिए।

कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को क्या करना चाहिए?

कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद घबराएं नहीं। धैर्य रखें। जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद ही वैरिएंट का पता चल सकता है। ओमाइक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए।

1. कोरोना पॉजिटिव मरीज को कमरे में आइसोलेट करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि कमरे में हवा का संचार हो।

2. कोरोना पॉजिटिव मरीज को हमेशा मास्क पहनना चाहिए, चाहे वे किसी भी प्रकार के हों। जब किसी दूसरे व्यक्ति के पास जाने की बात हो तो मास्क का होना जरूरी है।

3. कोरोना पॉजिटिव मरीज को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऑक्सीजन के स्तर, हृदय गति पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो या अस्वस्थ महसूस हो तो डॉक्टर से मिलें।

4. कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। दवाएं डॉक्टर के मार्गदर्शन में ही लेनी चाहिए।

जिस व्यक्ति का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है उसके परिवार को क्या करना चाहिए?

कोरोना पॉजिटिव मरीज की देखभाल के अलावा नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके।

1. कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वालों को 14 दिनों के लिए आइसोलेट किया जाए। उसके बाद कोरोना टेस्ट नेगेटिव आने के बाद दैनिक गतिविधियां शुरू कर देनी चाहिए।

2. एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मदद की जिम्मेदारी एक व्यक्ति को सौंपी जाए। यह व्यक्ति तब उपस्थित होना चाहिए जब रोगी को इसकी आवश्यकता हो।

3. मरीज के पास जाने वालों को थ्री-टियर मास्क पहनना होगा। N95 मास्क जरूर पहनना चाहिए। मास्क के बाहरी हिस्से को न छुएं। यदि मास्क क्षतिग्रस्त या पुराना या गीला है, तो उसे तुरंत बदल दें।

4. कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी है कि अपने हाथ धोएं और उन्हें साफ रखें। हाथों को साबुन या हैंडवाश से कम से कम 40 सेकेंड तक धोएं। दिन में कई बार हाथ धोएं। रोगी के संपर्क में आने के बाद अपने हाथ अवश्य धोएं।

5. ध्यान रखें कि मरीज के शरीर से निकलने वाली लार या लार के संपर्क में न आएं। रोगी की देखभाल करते समय हमेशा दस्तानों का प्रयोग करें। इन दस्तानों को हर कुछ घंटों में बदलें।

6. घर के अन्य सदस्यों द्वारा रोगियों द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं का उपयोग करने से बचें। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए गए बर्तन या बिस्तर का प्रयोग न करें। कोरोना पेशेंट के साथ न खाएं-पिएं।

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सावधान रहना चाहिए?

होम आइसोलेशन में मरीज की देखभाल करने वाले परिवारों को व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना चाहिए।

यदि रोगी को कुछ दिनों तक लगातार 100 डिग्री से अधिक बुखार हो, सांस लेने में कठिनाई हो, ऑक्सीजन का स्तर 93 से कम हो, सीने में दर्द हो, थकान हो, तो उसे तत्काल चिकित्सा सहायता दी जानी चाहिए।

चिकित्सा अपशिष्ट का निपटान कैसे करें?

होम आइसोलेशन के समय घर में काफी मात्रा में मेडिकल वेस्ट पैदा होता है। इनमें इस्तेमाल किए गए मास्क, सीरिंज, दवाएं, खाने-पीने की चीजें शामिल हैं।

चूंकि इन चीजों का इस्तेमाल मरीज के लिए किया जाता है, ऐसे में कचरे के जरिए संक्रमण फैलने का भी खतरा रहता है। इसलिए इस कचरे को फेंकना नहीं चाहिए बल्कि एक बैग या प्लास्टिक में भरकर छान लेना चाहिए।

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