Travel Tips : जुलाई से सितंबर तक खुली रहती है फूलों की घाटी, जरूर जाएं

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यदि आप घूमने का प्लान कर रहे हैं तो उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित वर्ल्ड हेरिटेज वैली ऑफ फ्लावर्स की सैर कर सकते हैं। हर साल इस घाटी में लाखों पर्यटक आते हैं। यह घाटी 87 है। 50 किमी वर्ग के क्षेत्रफल में फैली हुई है। यह राष्ट्रीय उद्यान राज्य के गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में है. आपकी जानकारी के लिए बता दे की, 1982 में, पूरे क्षेत्र के संरक्षण के लिए घाटी के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था, जिसे नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान कहा जाता है। इस घाटी में प्राकृतिक रूप से बनी ढलानों पर जिस तरह के फूल खिलते हैं वह एक दिव्य अनुभूति देते हैं। पर्यटकों को यहां वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क के अंदर कैंप करने की इजाजत नहीं है।

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जिसके साथ ही यहां पर्यटक इस घाटी के नजदीकी कैंपिंग साइट पर ही कैंप करते हैं। फूलों की घाटी का सबसे नजदीकी कैंपिंग स्थल घांघरिया का सुरम्य गांव है और यहां कैंप लगाकर पर्यटक कई दिनों तक रुकते हैं और फूलों की घाटी के आसपास के पर्यटन स्थलों का भी भ्रमण करते हैं। बता दे की, समुद्र तल से लगभग 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी में हिमालय के फूलों की 600 से अधिक प्रजातियां हैं। मान्यताओं के अनुसार इस क्षेत्र को भगवान शिव का वास कहा जाता है. ट्रेकिंग पर यहां आने वाले सैलानियों के लिए यह जगह एक अजूबा है और यहां हर दो हफ्ते में फूलों की घाटी अपना रंग बदलती है।

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बता दे की, यहां का रंग कभी लाल, कभी पीला तो कभी सुनहरा नजर आता है। यदि आप फूलों की घाटी घूमने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको भी इसका सबसे अच्छा समय जानने की जरूरत है। फूलों की घाटी हर साल 1 जून को खुलती है और अक्टूबर में बंद हो जाती है। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर के बीच का माना जाता है। आपको इस घाटी में फूलों की कई प्रजातियां देखने को मिलेंगी जो आपका दिल जीत लेंगी.

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