History of Bitter Gourd: कड़वा करेले का इतिहास बताएगा करेला कड़वा नहीं, सेहत का खजाना है ! 

 
करेला भले भी कड़वा हो लेकिन सेहत के लिए संजीवनी है करेला मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए करेला रामबाण है. यह पाचनतंत्र की खराबी, भूख की कमी, बुखार, और आंखों के रोग में भी लाभ पहुंचाता है. इसको खाने से जलन, कफ, सांसों से संबंधित परेशानियों में राहत मिलती है. तिल्ली का विकार भी कंट्रोल होता है.
अब करेले का इतिहास जान लें 
करेला एक सब्जी है. हजारों साल पहले इसकी उत्पत्ति भारत में मानी जाती है. उसका कारण यह है कि भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथों में करेले का वर्णन है. विशेष बात यह है कि एशिया क्षेत्र में करेले की महत्ता शुरू से ही रही. पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के भोजन में करेले का उपयोग हजारों सालो से हो रहा है.
 कहा जाता है कि चीन ने करेले को भोजन और औषधि के रूप में सबसे अधिक प्रयोग किए. बड़ी हैरानी की बात यह है कि एशिया की इस प्राचीन सब्जी ने बाकी दुनिया में 17वीं शताब्दी में जगह बनाई. उसके बाद तो करेले ने वहां भी अपने जलवे दिखाए. करेले का अचार तो पूरी दुनिया में खाया जाता है.